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सिनेमा टोक भाग-15, DDLJ भाग-4, नॉन स्टॉप राइटिंग चेलेन्ज 2022 भाग-29

सिनेमा टोक भाग-15, DDLJ भाग-4, नॉन स्टॉप राइटिंग चेलेन्ज 2022 भाग-29
 
Dilwale Dulhaniya Le Jayenge  भाग-४

हेल्लो लेखनी,

2022 की दिवाली का पावन अवसर आप सभी को मुबारक और हार्दिक शुभकामनाओ के साथ आप सभी का आनेवाला साल ज्यादा बेहतरीन और सुखी बनकर आये यही इश्वर से प्रार्थनाओ के साथ चलीये आज डी.डी.एल.जे. मे बाते करते है बोलीवुड के किंग खान, बादशाह खान....शाहरुख खान के बारे मे....और डी.डी.एल.जे. के अन्य खुबियो के बारे मे भी जानेंगे...चलिये शुरु करते है आज का सफर...।

शाहरुख खान : जन्म: 2 नवम्बर 1965 दील्ही (हाल आयु: 56 साल)

शाहरुख खान का जन्म मुस्लिम परिवार मे दील्ही मे हुवा था और उन्होने अपने जीवन के पहले पाच साल मेंगलुरु मे बीताये थी जहा उन के नाना श्री इफ्तिखार अहमद जो 1960 के दशक मे बंदरगाह के मुख्य एंजीनीयर के पोस्ट पर कार्यरत थे। शाहरुख के पिताजी श्री मीर ताज मोहम्मद खान एक भारतीय स्वतंत्रता कार्यकर्ता थे जिन्होने खुदाइ खिदमतगार के साथ एक अभियान चलाया था जो अब्दुल गफ्फार खान के नेत्रुत्व मे एक अहिंसक प्रतिरोध आन्दोलन जिस ने एक सयुक्त और स्वतंत्र भारत की मांग की। मीर, अब्दुल गफ्फर खान के अनुयायी थे और भारतीय् राष्ट्रिय कोंग्रेस से संबंधित थे। वह भारतीय राष्ट्रीय सेना शाह नवाज खान के मेजर जनरल के चचेरे भाइ भी थे। 2010 तक, शाहरुख खान का पैत्रुक परिवार अभी भी पेशावर के किस्सा ख्वानी बाजार के शाह वली कताल इलाके मे रह रहा था। 

भारत के विभाजन के बाद शाहरुख खान के पिताजी 1948 मे नइ दील्ही चले आये। उन की माताजी लतीफ फातिमा, एक वरिष्ठ सरकारी इंजीनियर की बेटी थी। 1959 मे शाहरुख खान के पिताजी मीर और माताजी फातिमा की शादी हुइ थी।दोनों की लव मेरेज थी|

ट्वीटर पर शाहरुख खान ने लिखा है और खुद को आधा हैदराबादी (माता), आधा पठान (पिताजी), कुछ कश्मीरी (दादी) के रुप मे वर्णित किया है। शाहरुख खान के अनुसार उन के दादा मीर जान मुहम्मद खान अफघानिस्तान के एक पश्तुन पठान थे। हालाकी पेशावर मे उन के पैत्रुक चचेरे भाइ ने बाद मे स्पष्ट किया की परिवार हिन्दी है और मुल रुप से कश्मीर से है, जहा से वे सदियो पहले पेशावर मे बसे थे, इस दावे का खंडन करते हुवे उन के दादा अफघानिस्तान के पश्तुन थे।

खान नइ दील्ली के राजेन्द्र नगर मे पले बडे हुवे और उन के पिता के पास एक रेस्टोरंंट सहित कइ व्यवसायिक उध्यम थे और परिवार किराये के एक अपार्टमेंट मे एक मध्यम वर्गीय जीवन व्यतीत करते थे। खान ने मध्य दील्ही मे सेंट कोलम्बा स्कुल मे पढाइ की जहा उन्होने होकी और फुटबोल जैसे खेलो मे उत्क्रुष्ट प्रदर्शन किया है और साथ साथ स्कुल का सर्वोच्च 'स्वोर्ड ओफ ओनर' सन्मान प्राप्त किया। शुरु मे खान खेल मे अपना केरीयर बनाने वाले थे जब की अपने शुरुआती वर्षो मे कन्धे की चोट के कारण वो ज्यादा खेल नही पाये। 

युवावस्था मे शाहरुख ने मंचीय नाटको मे अभिनय किया और अभिनेताओ की नकल के लिये प्रशंसा पाइ जहा पर अपने पसंदीदा दीलीपकुमार, अमिताभ बच्चन और मुमताज कलाकर थे। उन के बचपन के दोस्तो और अभिनय भागीदारो मे से एक अम्रुता सिन्ह भी थी (सैफ अलीखान की पहली पत्नी और सारा अलीखान की माता)। 

शाहरुख खान ने अर्थशास्त्र मे स्नातक की डीग्री हासिल करने के लिये 1985-86 मे हंसराज कोलेज मे एड्मिशन लिया और अधिकांश समय दील्ली के थीयेटर एक्शन ग्रुप (टी.ऎ.जी.) मे बीताना शुरु किया। वहा उन्होने थीयेटर निर्देशक बैरी जोन की सलाह के तहत अभिनय का गहन अध्ययन किया। हंसराज कोलेज के बाद उन्होने जामिया मिलिया इस्लामिया मे जनसंचार मे स्नातकोत्तर की पढाइ शुरु करी, लेकिन अपने शुरुआती करीयर के दौरान दील्ली के राष्ट्रीय नट्य विध्यालय मे भी हिस्सा लिया। 1981 मे उन के पिताजी की केंसर से म्रुत्यु के बाद और उन की मा की 1991 मे मधुप्रमेह की जटिलताओ के कारण म्रुत्यु के बाद उन की बडी बहन सहनाज लालारुख जो उदास अवस्था मे चली गइ थी तो शाहरुख ने उन की देखभाल की जिम्मेदारी अपने उपर ले ली। शहनाज अपने भाइ और उन के परिवार के साथ मुंबइ मे उन की हवेली मे रहती है।

जन्म का नाम ही शाहरुख खान था और इसिलिये शाहरुख अपना नाम नही बदले और बाद मे वो एस.आर.के. के नाम से भी जान ने लगे थे। 6 साल की रीलेशन के साथ शाहरुख ने 25 अक्टुबर 1991 मे हिन्दु रीतीरीवाज के अनुसार पंजाबी गोरी गौरी छिब्बर के साथ शादी कर ली। 

शाहरुख और गौरी के दो संतान एक बेटा आर्यन (1997) और बेटी सुहाना (2000) थे और बाद मे सरोगेट मधर से एक और बेटा अबराम भी हुवा (2013)| आर्यन आजकल ड्रग्स मामले मे काफी सुर्खियो मे है और सुहाना अपने बोल्ड अवतार से हमेशा ट्विटॅर और इंस्टाग्राम मे छाइ रहती है। दोनो बडे भाइ बहनो को बोलीवुड मे आने की इच्छा है और शाहरुख खान के अनुसार आर्यन जिन्होने केलीफोर्निया मे अपने शिक्षा पाइ है वो सिनेमैटिक आर्ट्स मे फिल्म निर्माण का अध्ययन किया है वो लेखक-निर्देशक बन ने की इच्छा रखते है। जब की सुहाना जिन्होने शाहरुख खान की 2018 मे आइ ‘जीरो’ फिल्म मे सहायक निर्देशक के रुप मे काम किया है वो उच्च शिक्षा के लिये स्कुल्स ओफ आर्ट्स मे नाटक और अभिनय का अध्ययन एन.वाय.यु. के टिस्क स्कुल ओफ आर्ट्स मे पढ रही है। सुहाना ने नवम्बर 2019 मे ‘ध ग्रेट पार्ट ओफ ब्ल्यु’ नाम की एक शोर्ट फिल्म मे अभिनय की शुरुआत कर ली है। 

मुस्लिम धर्म के साथ साथ शाहरुख खान अपनी पत्नी गौरी के हिन्दु धर्म को समान सन्मान देते हुवे कुरान के साथ साथ हिन्दु देवी-देवताओ की मुर्ती भी बगल मे स्थित है और उन के बच्चे दोनो धर्मो का पालन करते है।

शाहरुख खान की एक्टिंग की शुरुआत

1988 मे शाहरुख खान ने प्रख्यात निर्देशक लेख टंडन की टीवी सीरीयल ‘दिल दरीया’ मे काम करना शुरु किया लेकिन शुटिंग मे विलम्ब के कारन 1989 मे लेफ्टनंटॅ कर्नल राजकुमार कपूर द्वारा निर्देशीत ‘फौजी’ सीरीयल सब से पहले बन गइ और इस सीरीयल के माध्यम से शाहरुख खान उस समय छा गये थे। इस सीरीयल मे इन्डियन आर्मी के लेफ्टॅनंटॅ कर्नल श्री सन्जोय बेनर्जी, बोम्बे सेपर्स का नाट्य रुपांतरण इस सीरीयल मे बनाया गया था जो शाहरुख खान ने ‘अभिमन्यु राइ’ नाम से निभाया था। उस का ये अभिनय को काफी सराहना मिली थी। ‘फौजी’ मे सेना के कैडेटो के प्रशिक्षणॅ पर एक यथार्थवादी नजर डाली गइ और इस के कारण अजीज मिर्जा की टीवी सीरीयल ‘सर्कस’ (1989-90)  और मणी कौल की शोर्ट सीरीयल ‘इडियट’ (1992) मे शाहरुख को काम मिला जिस मे सर्कस मे वो छा गये। उस के अभिनय को अभिनय सम्राट दीलीपकुमार के साथ तुलनात्मक करवाया गया। लेकिन अभी भी शाहरुख खान को अभिनय मे कोइ दिलचश्पी नही थी क्युकी उन को लगता था की वह अच्छा नही कर रहे थे। 

शाहरुख खान ने अप्रैल 1991 मे फिल्मो मे अभिनय न करने के अपने निर्णय को बदल दिया और इसे अपनी मा की म्रुत्यु के दुख से बचने का एक तरीका बताया। बोलीवुड मे पुर्णकालिक करीयर बनाने के लिये वे दिल्ही से मुम्बइ आ गये। उन की फौजी और सर्कस मे काम की प्रशंसा की गइ थी और इसिलिये सब से पहले ड्रीमगर्ल हेमा मालिनी ने अपनी एक फिल्म ‘दिल आश्ना है’ मे उस समय की इंडियन क्रश एक्ट्रेस ‘दिव्या भारती’ के साथ शाहरुख खान को साइन कर लिया और जुन तक शुटिंग भी शुरु कर ली। लेकिन इस फिल्म के अलावा शाहरुख खान और तीन फिल्मे साइन कर चुके थे और उन की सब से पहली फिल्म ‘दिवाना’ 1992 मे रीलीज हुइ जिस मे दिव्या भारती तो थी ही लेकिन साथ मे रिशी कपूर भी थे। ‘दीवाना’ फिल्म बोक्स ओफिस पर धुम मचा ली....और शाहरुख खान ने अपने प्रदर्शन के लिये फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ पुरुष डेब्यु का एवोर्ड भी जीत लिया।

'दीवाना' और 'दिल आश्ना है' के बाद की दो कोमेडी फिल्मे ‘चमत्कार’ (उर्मिला मतोंडकर) और ‘राजु बन गया जेंटॅलमेन’ (जुही चावला और अम्रिता सिन्ह) भी रीलीज हुइ। ये दोनो फिल्मे भी सुपरहीट रही। जुही चावला के साथ तो फिर शाहरुख खान की जोडी जम गइ और दोनो ने मिलकर कइ उध्योगो मे सहयोगी के तौर पर काम करना शुरु किया। 

उनकी शुरुआती फ़िल्मी भूमिकाओं में उन्होंने ऐसे किरदार निभाए जो ऊर्जा और उत्साह का प्रदर्शन करते थे। डेली न्यूज एंड एनालिसिस के अर्नब रे के अनुसार, खान ने एक नए तरह का अभिनय किया क्योंकि वह "बर्फ की एक स्लैब पर सीढ़ियों से नीचे फिसल रहा था, गाड़ी का पहिया घुमा रहा था, सोमरस कर रहा था, होंठ कांप रहे थे, आँखें कांप रहे थे, स्क्रीन पर एक तरह की शारीरिक ऊर्जा ला रहे थे। .. आंतरायिक, तीव्र, उन्मत्त एक पल और धूर्तता से अगले बचकाना।"

शुरुआती सालो मे शाहरुख खान ने एंटी हीरो की भुमिकाए की जो अन्य कलाकारो ने रीजेक्टॅ कर दी थी उस मे काफी सराहना पाइ जैसे फिल्म ‘डर’ और ‘बाजीगर’। डर से तो वो यश चोपरा केम्प मे एंट्री पा ली और बाद मे तो ऐसा हुवा की डर मे काफी द्र्श्य मुख्य हीरो सन्नी देओल के काट दिये गये (एक गीत भी) और शाहरुख खान के द्रश्य बढाये गये। वो काटा हुवा गीत फिर बाद मे जुड दिया गया था जो सन्नी देओल और जुही चावला पर फिल्माया गया था।
 
एक हादसा भी फिल्म डर के सेट पर हुवा था। शाहरुख खान इस फिल्म के अंतिम द्रश्य मे सन्नी देओल को जानबुजकर माफी मांगते मांगते अचानक पैरो से उठकर उन की छाती मे छुरा भौक देते है। सन्नी के मत अनुसार उसे इस फिल्म मे एक नेवी का ब्रीलीयंट ओफिसर दिखाया गया था तो सन्नी का कहना था की उन के किरदार के अनुसार कोइ भी पागल प्रेमी ऐसे चालाक ओफिसर को अचानक हमला कर के छुरा नही भौक सकता क्युकी तो फिर वो चालाक ओफिसर कैसे कहलाता और फिल्म के दिग्दर्शक यश चोपरा ने उन की एक न सुनी और यह द्रश्य शुट किया ही गया। सन्नी इतने नाराज हुवे और वो कभी कीसी फिल्म के सेट पर गुस्सा नही करते और बडो को हमेशा सन्मान देते आये है। क्युकी यश चोपरा बडे फेमस दिग्दर्शक है और उन के सामने वैसे भी सन्नी सन्मान देने के लिये कुछ बोल नही पा रहे थे। इसिलिये सन्नी ने अपना गुस्सा काबु मे रखना चाहा और अपने दोनो हाथ जींस के पोकेट मे डालकर इतनी जोर से चिल्लाये की उस के गुस्से की मात्रा इतनी ज्यादा थी की हाथो के दबाव से उस की जींस पोकेट की जगह से फटॅने लगी और वो जींस केवल जींस की चड्डी बनकर रह गया तब तक सन्नी चिल्लाते रहे। 

बाद मे सन्नी ने कभी चोपरा केम्प मे काम नही किया (आज तक नही किया और यह बात आप की अदालत मे रजत शर्मा के सामने उन्होने कबुल की थी)। 

रोमेंटिक हीरो के तौर पर शाहरुख खान की पहली फिल्म राकेश रोशन की ‘करन अर्जुन’ थी जिस मे शाहरुख खान के सामने मुख्य एक्ट्रेस काजोल थी और दुसरे हीरो सलमान खान के सामने ममता कुलकर्णी थी। यह फिल्म ब्लोक बस्टर साबित हुइ और शाहरुख खान को उसी साल आदित्य चोपरा ने ‘डीडीएलजे’ के राज के किरदार के लिये साइन करने के लिये मना लिया था तो उसी साल यह फिल्म भी ब्लोक बस्टॅर साबित हुइ और शाहरुख खान एंटी हीरो से रोमेंटिक हीरो बन गये। 1995 मे शाहरुख खान की कुल 7 फिल्मे रीलीज हुइ और सभी की सभी बोक्स ओफिस पर धुम मचा गइ।

निर्देशक और आलोचक राजा सेन ने कहा, "खान एक शानदार प्रदर्शन देते हैं, 1990 के दशक के लिए प्रेमी को फिर से परिभाषित करते हुए। वह शांत और चंचल है, लेकिन दर्शको को आकर्षित करने के लिए काफी ईमानदार है। व्यवसाय, इतना अच्छा खेला कि वह सहज, गैर-अभिनय के रूप में सामने आया।"

शाहरुख खान ने 1999 में अभिनेत्री जूही चावला और निर्देशक अजीज मिर्जा (सर्कस सीरीयल के दिग्दर्शक) के  साथ मिलकर ‘ड्रीम्ज़ अनलिमिटेड’ नामक एक प्रोडक्शन कंपनी के लिए निर्माता बने। कंपनी का पहला प्रोडक्शन, ‘फिर भी दिल है हिंदुस्तानी’ (2000), खान और चावला अभिनीत, एक व्यावसायिक विफलता थी क्युकी उसी साल राकेश रोशन ने अपने बेटे ह्रितिक रोशन को लौंच किया फिल्म ‘कहो ना प्यार है....’ से जो ब्लोक बस्टॅर साबित हुइ।

2004 खान के लिए एक गंभीर और व्यावसायिक रूप से सफल वर्ष था। उन्होंने अपनी पत्नी गौरी को एक निर्माता के रूप में शामिल करते हुए, ड्रीम्ज अनलिमिटेड को 'रेड चिलीज़ एंटरटेनमेंट' में बदल दिया। कंपनी के पहले प्रोडक्शन में, उन्होंने फराह खान के निर्देशन में बनी पहली मसाला फिल्म ‘मैं हूं ना’ में अभिनय किया। भारत-पाकिस्तान संबंधों का एक काल्पनिक विवरण, इसे कुछ टिप्पणीकारों द्वारा पाकिस्तान के निरंतर खलनायक के रूप में रूढ़िवादी चित्रण से दूर जाने के एक सचेत प्रयास के रूप में देखा गया था। शाहरुख खान ने तब एक भारतीय वायु सेना के पायलट की भूमिका निभाई, यह भारत में 2004 की सबसे अधिक कमाई करने वाली फिल्म थी, जिसने दुनिया भर में ₹940 मिलियन (US$20.74 मिलियन) से अधिक की कमाई की, और ‘मैं हूं ना’ ₹680 मिलियन (US$15.01 मिलियन) के साथ दूसरी सबसे अधिक कमाई करने वाली फिल्म थी। 

शाहरुख खान ने अमिताभ बच्चन के साथ दो जबरदस्त फिल्मे की....’मोहब्बते’ (जो अमिताभ बच्चन के लिये यश चोपरा ने बनाइ थी) और ‘कभी खुशी कभी गम’। बोलीवुड मे कहा जाता है जब आप का सुरज उच्च पर हो तब आप दुसरो की भुमिकाये कटाते है...जो अमिताभ बच्चन ने अपने सह कलाकारो के साथ कइ बार किया था। लेकिन जब अपना समय खराब चलता हो तो गधे को भी बाप कहना पडता है....इसी तरह अमिताभ बच्चन को ‘बडे मिया छोटे मिया’ मे गोविन्दा के साथ कोमेडी फिल्म करनी पडी जिस मे उन का रोल गोविन्दा के सामने छोटा था और शाहरुख के साथ ये दो फिल्मो मे भी शाहरुख के रोल से अमिताब बच्चन का रोल छोटा दिखाया गया था। दोनो फिल्मो मे अमिताभ बच्चन को शाहरुख खान से माफी मांगते हुवे दिखाया गया है। यही थी शाहरुख खान की सफलता....विराट स्वरुप। 

शाहरुख ख़ान ने 1999 से 2003 तक ड्रीम्ज़ अनलिमिटेड पार्टनरशिप के संस्थापक सदस्य के रूप में तीन फ़िल्मों का सह-निर्माण किया। साझेदारी भंग होने के बाद, उन्होंने और गौरी ने रेड चिलीज एंटरटेनमेंट के रूप में कंपनी का पुनर्गठन किया, जिसमें फिल्म और टेलीविजन उत्पादन, दृश्य प्रभाव और विज्ञापन से संबंधित विभाग शामिल हैं। 2015 तक, कंपनी ने कम से कम नौ फिल्मों का निर्माण या सह-निर्माण किया है। या तो खान या गौरी को आमतौर पर प्रोडक्शन क्रेडिट दिया जाता है, और वह ज्यादातर फिल्मों में या तो मुख्य भूमिका में या अतिथि भूमिका में दिखाई दिए हैं। खान 'रा.वन' फिल्म के निर्माण के कई पहलुओं में शामिल थे। अभिनय के अलावा, उन्होंने फिल्म का निर्माण किया, स्वेच्छा से कंसोल गेम की स्क्रिप्ट लिखी, इसके लिए डब किया, इसके तकनीकी विकास का निरीक्षण किया, और फिल्म के पात्रों के आधार पर डिजिटल कॉमिक्स लिखी। खान ने कभी-कभी अपनी फिल्मों के लिए पार्श्व गायन किया है। जोश में उन्होंने लोकप्रिय गीत "अपुन बोला तू मेरी लैला" गाया। उन्होंने डॉन (2006) और जब तक है जान (2012) में भी गाया। रेड चिलीज द्वारा निर्मित ऑलवेज कभी कभी (2011) के लिए, खान ने गीतात्मक रचना में भाग लिया। 

अपने शुरुआती टेलीविजन धारावाहिकों के अलावा, खान ने फिल्मफेयर, ज़ी सिने और स्क्रीन अवार्ड्स सहित कई टेलीविज़न अवार्ड शो की मेजबानी की है। 2007 में, उन्होंने कौन बनेगा करोड़पति के भारतीय संस्करण के मेजबान के रूप में अमिताभ बच्चन की जगह एक सीज़न के लिए होस्ट भी किया लेकिन उस साल ये प्रोग्राम फ्लोप शो बनकर रह गया। और एक साल बाद, खान ने ‘क्या आप पांचवी पास से तेज़ हैं?’ की मेजबानी शुरू की?, जो ‘आर यू स्मार्टर देन ए 5वें ग्रेडर?’ का भारतीय संस्करण था। वह टेलीविजन पर लौट आए, इमेजिन टीवी के 'ज़ोर का झटका: टोटल वाइपआउट', 'वाइपआउट' का भारतीय संस्करण; खान की विशेषता वाले दृश्यों को मुंबई के यश राज स्टूडियो में शूट किया गया था। उनकी पहले की टेलीविज़न एंकरिंग नौकरियों के विपरीत, ज़ोर का झटका: टोटल वाइपआउट ने खराब प्रदर्शन किया। यह केवल एक सीज़न के लिए प्रसारित हुआ और एक बॉलीवुड स्टार द्वारा होस्ट किया जाने वाला सबसे कम रेटिंग वाला शो बन गया। 2017 में, खान ने टेड टॉक्स इंडिया नई सोच की मेजबानी करना शुरू किया, जो टेड कॉन्फ्रेंस, एलएलसी द्वारा निर्मित एक टॉक शो था, जो स्टार प्लस पर प्रसारित हुआ। 

इस के अलावा शाहरुख खान ने अनगिनत स्टॆज शो विदेश और देश मे किये, कइ एवार्डॅ शो की एंकरिंग की। 

2008 में, शाहरुख खान ने जूही चावला और उनके पति जय मेहता के साथ साझेदारी में, 75.09 मिलियन अमेरिकी डॉलर में ट्वेंटी 20 क्रिकेट टूर्नामेंट इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में कोलकाता का प्रतिनिधित्व करने वाली फ्रेंचाइजी के लिए स्वामित्व अधिकार हासिल कर लिया और टीम का नाम 'कोलकाता नाइट राइडर्स' (केकेआर) रखा। 2009 तक, केकेआर 42.1 मिलियन अमेरिकी डॉलर के ब्रांड मूल्य के साथ आईपीएल की सबसे धनी टीमों में से एक थी। टीम ने पहले तीन वर्षों के दौरान मैदान पर खराब प्रदर्शन किया। समय के साथ उनके प्रदर्शन में सुधार हुआ, और वे 2012 में पहली बार चैंपियन बने। और 2014 में इस उपलब्धि को दोहराया। टी20 में किसी भी भारतीय टीम द्वारा सबसे लंबे समय तक जीतने का रिकॉर्ड नाइट राइडर्स के नाम है।

आईपीएल 2011 सीज़न के उद्घाटन समारोह में खान ने सुनिधि चौहान और श्रिया सरन के साथ प्रदर्शन किया, जहाँ उन्होंने तमिल गीतों पर नृत्य किया। वह 2013 में कैटरीना कैफ, दीपिका पादुकोण और पिटबुल के साथ फिर से दिखाई दिए। मई 2012 में, मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन (एमसीए) ने केकेआर और मुंबई इंडियंस के बीच एक मैच के बाद सुरक्षा कर्मचारियों के साथ बहस करने के लिए उन्हें वानखेड़े स्टेडियम से पांच साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया। हालांकि, खान ने कहा था कि उन्होंने तभी कार्रवाई की, जब उनकी बेटी सहित बच्चों को सुरक्षा कर्मचारियों द्वारा "धोखा" दिया जा रहा था और यह कि अधिकारी अपने व्यवहार में बेहद उच्च-स्तरीय और आक्रामक थे, उनके साथ सांप्रदायिक अभद्र टिप्पणी की गई थी। बाद में एमसीए के अधिकारियों ने उन पर कहानी के एक संस्करण में नशे में होने, गार्ड को मारने और मैच के बाद मुंबई इंडियंस की एक महिला समर्थक को पूरी तरह से गाली देने का आरोप लगाया था, जिसे खान ने कहा था कि यह उनका समर्थन करने के लिए किया गया था।  वानखेड़े गार्ड ने बाद में एमसीए अधिकारियों के दावे का खंडन किया और कहा कि शाहरुख खान ने उन्हें नहीं मारा था। बाद में खान ने अपनी टीम के फाइनल मैच जीतने के बाद अपने प्रशंसकों से माफी मांगी। एमसीए ने 2015 में प्रतिबंध को रद्द कर दिया और 2016 में, मुंबई पुलिस ने सूचित किया कि खान के खिलाफ कोई 'संज्ञेय अपराध' नहीं बनाया गया था और वे इस निष्कर्ष पर पहुंचे थे कि शाहरुख खान 2012 में वानखेड़े स्टेडियम मे नशे में नहीं थे और नाबालिगों के सामने अभद्र भाषा का इस्तेमाल नहीं करते थे। 

‘ज़ीरो’ फिल्म (2018) की रिलीज़ के बाद, खान ने पूर्णकालिक अभिनय से एक विराम ले लिया, जिसे भारत में COVID-19 महामारी द्वारा और लंबा कर दिया गया था। चार साल से अधिक समय तक स्क्रीन पर न रहने के बाद, वह 2023 में तीन फिल्मों में काम करेंगे; यशराज फिल्म्स की ‘पठान’, जो सिद्धार्थ आनंद द्वारा निर्देशित और दीपिका पादुकोण और जॉन अब्राहम की सह-कलाकार हैं। फिल्म 25 जनवरी 2023 के दिन रिलीज होने के लिए तैयार है। वह एटली की ‘जवान’ फिल्म में भी अभिनय करेंगे, जो 2 जून 2023 के दिन रिलीज़ हो रही है और राजकुमार हिरानी की ‘डंकी’ में तापसी पन्नू के साथ, जो 22 दिसंबर 2023 के दिन रिलीज़ होने वाली है।

शाहरुख खान को भारत में काफी मात्रा में मीडिया कवरेज मिलता है, और उन्हें अक्सर "किंग खान", "बॉलीवुड का बादशाह" या "बादशाह खान" कहा जाता है। अनुपमा चोपड़ा उन्हें एक "हमेशा मौजूद हस्ती" के रूप में उद्धृत करती हैं, जिसमें साल में दो या तीन फिल्में होती हैं, जो लगातार टेलीविजन विज्ञापन, प्रिंट विज्ञापन और भारतीय शहरों की सड़कों पर विशाल होर्डिंग चलाती हैं। वह कभी-कभी कट्टर अनुयायियों का उद्देश्य होता है, जिसके प्रशंसकों की संख्या एक अरब से अधिक होने का अनुमान है। 

न्यूज़वीक ने 2008 में खान को विश्व स्तर पर अपने पचास सबसे शक्तिशाली लोगों में से एक के रूप में नामित किया और उन्हें "दुनिया का सबसे बड़ा फिल्म स्टार" कहा। 2011 में लॉस एंजिल्स टाइम्स [ई] के स्टीवन ज़िचिक द्वारा उन्हें "सबसे बड़े फिल्म स्टार के बारे में आपने कभी नहीं सुना ... शायद दुनिया का सबसे बड़ा फिल्म स्टार, अवधि" के रूप में वर्णित किया गया था और उन्हें अंतरराष्ट्रीय मीडिया आउटलेट में दुनिया का सबसे बड़ा फिल्म स्टार कहा जाता है ।अन्य एक लोकप्रियता सर्वेक्षण के अनुसार, दुनिया भर में 3.2 अरब लोग शाहरुख खान को जानते हैं, जो होलीवुड स्टार टोम क्रूज को जानने वालों से ज्यादा हैं। शाहरुख खान 2012, 2013 और 2015 में फोर्ब्स इंडिया की "सेलिब्रिटी 100 सूची" में शीर्ष पर, भारत के सबसे धनी हस्तियों में से एक हैं। उनकी संपत्ति का अनुमान 400-600 मिलियन अमेरिकी डॉलर है। खान के पास भारत और विदेशों में कई संपत्तियां हैं, जिनमें लंदन में £20 मिलियन का अपार्टमेंट, और दुबई में पाम जुमेराह पर एक विला शामिल है।

खान अक्सर भारत में सबसे लोकप्रिय, स्टाइलिश और प्रभावशाली लोगों की सूची में दिखाई देते हैं। वह नियमित रूप से द टाइम्स ऑफ इंडिया की भारत में 50 सबसे वांछनीय पुरुषों की सूची में शीर्ष दस में शामिल हैं, और पत्रिका ईस्टर्न आई द्वारा 2007 के एक सर्वेक्षण में उन्हें एशिया का सबसे कामुक आदमी नामित किया गया था। शाहरुख खान को अक्सर उनके कई ब्रांड समर्थन और उद्यमिता उपक्रमों के कारण मीडिया संगठनों द्वारा "ब्रांड एसआरके" के रूप में संदर्भित किया जाता है। वह सबसे अधिक भुगतान पाने वाले बॉलीवुड एंडोर्सर्स में से एक हैं और टेलीविज़न विज्ञापन बाज़ार में सबसे अधिक दिखाई देने वाली हस्तियों में से एक हैं, जिनकी टेलीविज़न विज्ञापन बाज़ार में छह प्रतिशत तक हिस्सेदारी है। शाहरुख खान ने पेप्सी, नोकिया, हुंडई, डिश टीवी, डी'डेकोर, लक्स और टैग ह्यूअर सहित ब्रांडों का समर्थन किया है।  उनके बारे में किताबें प्रकाशित की गई हैं, और उनकी लोकप्रियता को कई गैर-फिक्शन फिल्मों में प्रलेखित किया गया है, जिसमें दो-भाग वाली वृत्तचित्र द इनर एंड आउटर वर्ल्ड ऑफ शाहरुख खान (2005), और डिस्कवरी ट्रैवल एंड लिविंग चैनल की दस-भाग वाली मिनी-सीरीज लिविंग विद ए सुपरस्टार- शाहरुख खान (2010)। 2007 में, ऐश्वर्या राय और अमिताभ बच्चन के बाद, लंदन के मैडम तुसाद संग्रहालय में अपनी मोम की प्रतिमा स्थापित करने वाले खान तीसरे भारतीय अभिनेता बन गए। प्रतिमा के अतिरिक्त संस्करण लॉस एंजिल्स, हांगकांग, न्यूयॉर्क और वाशिंगटन में मैडम तुसाद के संग्रहालयों में स्थापित किए गए थे।

खान पल्स पोलियो और राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन सहित विभिन्न सरकारी अभियानों के ब्रांड एंबेसडर रहे हैं। वह भारत में मेक-ए-विश फाउंडेशन के निदेशक मंडल के सदस्य हैं, और 2011 में उन्हें यूएनओपीएस द्वारा जल आपूर्ति और स्वच्छता सहयोग परिषद के पहले वैश्विक राजदूत के रूप में नियुक्त किया गया था। उन्होंने अच्छे स्वास्थ्य और उचित पोषण के लिए सार्वजनिक सेवा घोषणाओं की एक श्रृंखला दर्ज की है, और एक राष्ट्रव्यापी बाल टीकाकरण अभियान में भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय और यूनिसेफ में शामिल हुए हैं। 

2011 में, उन्हें बच्चों के लिए शिक्षा प्रदान करने की उनकी धर्मार्थ प्रतिबद्धता के लिए यूनेस्को का पिरामिड कॉन मार्नी पुरस्कार मिला, जो यह पुरस्कार जीतने वाले पहले भारतीय बने। 2014 में, खान इंटरपोल के अभियान "टर्न बैक क्राइम" के लिए राजदूत बने। 2015 में, खान ने एडिनबर्ग विश्वविद्यालय, स्कॉटलैंड से विशेषाधिकार प्राप्त डिग्री प्राप्त की।  2018 में, खान को विश्व आर्थिक मंच द्वारा भारत में बच्चों और महिलाओं के अधिकारों के लिए उनके नेतृत्व के लिए उनके वार्षिक क्रिस्टल अवार्ड से सम्मानित किया गया था। 2022 में, खान और अभिनेता विजय की एक दोस्ताना मुलाकात हुई और तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं। 

अप्रैल 2020 में, खान ने भारत सरकार और महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और दिल्ली की राज्य सरकारों को COVID-19 महामारी को कम करने में लॉकडाउन मे मदद करने के साथ-साथ हजारों वंचित लोगों और दिहाड़ी मजदूरों के लिए राहत उपायों की एक श्रृंखला की घोषणा की। उन्होंने लॉकडाउन मे मुंबई नगर निगम को अपने 4 मंजिला निजी कार्यालय की जगह को कोरोनोवायरस रोगियों के लिए एक संगरोध केंद्र के रूप में इस्तेमाल करने की पेशकश की।

शाहरुख खान सबसे अधिक सजाए गए बॉलीवुड अभिनेताओं में से एक हैं। उन्हें 30 नामांकन और विशेष पुरस्कारों से 14 फिल्मफेयर पुरस्कार मिले हैं, जिसमें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए आठ शामिल हैं; वह दिलीप कुमार के साथ श्रेणी में सबसे अधिक बराबरी पर हैं। खान ने बाजीगर (1993), दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे (1995), दिल तो पागल है (1997), कुछ कुछ होता है (1998), देवदास (2002), स्वदेस (2004), चक दे इंडिया (2007) के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का फिल्मफेयर पुरस्कार जीता है। ! एवरेज पर कहा जाये तो उन्होंने कुल पाँच फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता नामांकन में से तीन के रूप में प्राप्त किया है। 

हालांकि उन्होंने कभी भी राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार नहीं जीता है, उन्हें 2005 में भारत सरकार द्वारा 'पद्म श्री' से सम्मानित किया गया था। फ्रांस की सरकार ने उन्हें ऑर्ड्रे डेस आर्ट्स एट डेस लेट्रेस (2007), और फ्रेंच लीजन ऑफ ऑनर की पांचवीं डिग्री, शेवेलियर लीजियन डी'होनूर (2014) दोनों से सम्मानित किया है। खान को पांच मानद डॉक्टरेट डीग्रीया मिली हैं; पहला 2009 में बेडफोर्डशायर विश्वविद्यालय से, 2015 में एडिनबर्ग विश्वविद्यालय से दूसरा, 2016 में मौलाना आज़ाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय से तीसरा और कानून और ला विश्वविद्यालय से उनका नवीनतम 2019 में ट्रोब विश्वविद्यालय के द्वारा।

कुछ अनजानी बाते शाहरुख खान के बारे मे:

1. शाहरुख को घुड़सवारी का फोबिया है और वह कभी आइसक्रीम नहीं खाते। 

2. उनकी सभी कारों की नंबर प्लेट पर 555 लिखा है। 

3. शाहरुख संख्याओं को लेकर अंधविश्वासी हैं और उनका मानना है कि सही संख्याएं उनके लिए सौभाग्य लाती हैं। शो-बिज में प्रवेश करने से पहले अपने संघर्ष के दिनों में, शाहरुख ने दरियागंज में एक रेस्तरां चलाया।

4. जब उनके अल्मा मेटर हंस राज कॉलेज ने अपनी स्वर्ण जयंती मनाई, तो शाहरुख उन 17 लोगों में से एक थे, जिन्हें जीवन में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए कॉलेज द्वारा शिल्ड दिया गया था।

5. पढाइ के दिनो मे शाहरुख खान गणित और हिन्दी मे काफी कच्चे थे। एक बार उस की माता ने कहा की वो अगर हिन्दी मे अच्छा करते है वो वो उन को फिल्म दिखाने ले जायेंगी और शाहरुख खान 10/10 मार्क्स ले आये थे। उस दिन शाहरुख खान की माताजी उन्हे फिल्म ‘जोशिला’ दिखाने ले गइ थी जिस मे देव आनंद और हेमा मालीनी थे और फिल्म को यश चोपरा ने दिग्दर्शित किया था। आगे जाकर हेमाजी ने शाहरुख को अपनी पहली दिग्दर्शित होनेवाली फिल्म ‘दिल आश्ना है’ के लिये ब्रेक दिया और यशजी ने शाहरुख को रोमांस का किंग बनाया।

6. शाहरुख खान को गैरकानुनी केरोसीन की डीलींग के मामले मे एक बार गीरफतार किया गया था और तुरंत उन की बैल भी हो गइ थी। ये मामला शाहरुख खान की माताजी जिस कंपनी की मालिक थी उस कंपनी द्वारा होर्डिंग बनाया गया था तब हुवा था।

7. कोलेज मे फ्री टाइम मे शाहरुख खान शोर्ट फिल्मो की डबिंग किया करते थे जिस से उन के टीचर्स सख्त नाराज होने से एक बार शाहरुख खान ने अपना बेग पेक कर के फुल टाइम फिल्म मेकर बनाने का निश्चय कर लिया था। 

8. शाहरुख खान ने शुरुआती दिनो मे एक एडॅल्ट फिल्म भी की है जिस का नाम था ‘माया मेमसाब’ (1993) जिस फिल्म से उसे फिल्म फेयर एवार्ड भी मिला था।

9. हर साल उनके जन्मदिन पर, शाहरुख के ऑस्ट्रेलियाई प्रशंसकों में से एक लूनर रिपब्लिक सोसाइटी से चांद पर जमीन का एक टुकड़ा खरीदता है। उसने पहले ही उसे द सी ऑफ ट्रैंक्विलिटी पर कुछ एकड़ जमीन खरीद ली है, जो चंद्रमा पर सबसे प्रतिष्ठित पतों में से एक है।

10. सुपरस्टार शाहरुख खान और सलमान खान के बीच टॉम एंड जेरी जैसा रिश्ता है। ऐसे क्षण होते हैं जब वे एक-दूसरे के साथ होते हैं, और अन्य उदाहरण होते हैं जब वे एक-दूसरे की प्रशंसा करने में मदद नहीं कर सकते। 1998 में शाहरुख खान को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का ज़ी सिने अवार्ड मिला, लेकिन सभी को निराश करते हुए, उन्होंने सलमान खान को मंच पर आमंत्रित किया और उन्हें पुरस्कार प्रदान किया और उनसे धन्यवाद भाषण देने का अनुरोध किया।

11. मलेशिया में शाहरुख खान को नाइटहुड के समकक्ष सम्मानित किया गया है।

12. उन्हें कई मौकों पर दुनिया के शीर्ष पांच सबसे धनी अभिनेताओं में गिना गया है, जो उन्हें टॉम क्रूज़, टॉम हैंक्स, क्लिंट ईस्टवुड और एडम सैंडलर से अधिक धनी बनाता है। असल में वह दुनिया के दूसरे सबसे अमीर स्टार हैं। वेल्थ-एक्स पत्रिका के एक अध्ययन के अनुसार, उनकी कीमत $600 मिलियन मानी जाती है।

13. शाहरुख खान की बस एक बुरी आदत है, जिसे "सबसे घातक" कहा जाता है। सार्वजनिक धूम्रपान के लिए उन पर कई बार जुर्माना लगाया गया है। उसने कुछ मामलों में एक दिन में 100 सिगरेट पीने की बात कबूल की है।

14. शाहरुख खान शुरुआती दिनो मे दूरदर्शन के लिये भी काम किया करते थे जहा पर उन्होने एक बार कुमार शानु को भी इन्ट्रोड्युस किया था।

15. निम्न मध्यवर्गीय पृष्ठभूमि से होने के बावजूद, शाहरुख खान ने खुद को दुनिया के सबसे लोकप्रिय अभिनेताओं में से एक के रूप में स्थापित किया है।

१६. शाहरुख खान को दिलिप कुमार और सायरा बानो अपना बेटा ही समजते है और शाहरुख खान भी उन दोनो को उतना ही सन्मान दिया करते है। 

अब मेरी बात करे तो, एक दौर ऐसा था की मेरा क्रश सलमान खान था और उन की तीसरी ही फिल्म से मुजे वो पसंद नही रहे थे और शाहरुख खान मुजे फौजी सीरीयल से ही पसन्द आये थे। उन की एक एक फिल्म मे उन की एक्टिंग मुजे प्रभावित करती थी तब तक जब तक उन की फिल्म ‘कल हो ना हो’ रीलीज नही हुइ। क्युकी उस फिल्म से मुजे लगा की शाहरुख खान अब ओवर एक्टिंग ज्यादा करने लगे थे। 

बेशक शाहरुख खान वो फिल्म कलाकार है जिन्होने बोलीवुड मे अन्य कलाकारो को एक्टिंग के अलावा बीजनेस कैसे किया जाता है वो सिखाया और आज के दौर मे जब सारे कलाकार एक्टिंग के अलावा अन्य बीजनेस भी करते है वहा इस सुचि मे आज अभिषेक बच्चन सभी अभिनेता मे सब से ज्यादा बीजनेस कर रहे है। एक दौर ऐसा भी था की शुरुआती दिनों के बावजूद शाहरुख खान ने एक बार बोला था की 'ये अमिताभ बच्चन कौन है, मै इसे नहीं जानता'|

लेकिन शाहरुख खान अपने आप मे सच मे बेस्ट है। हा ये अलग बात है की कुछ एवर्ड्स उन्होने सच मे खरीदे है...एवार्डस क्या...पुरा का पुरा फंक्शन भी खरीद लेते है।

चलीये अब लौटते है डीडीएलजे की ओर......

इस फिल्म की फिल्मिंग के बारे मे जानते है.....

फिल्मिंग: 

दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे को सितंबर 1994 और अगस्त 1995 के बीच कई 5-, 10- और 20-दिवसीय शेड्यूल में फिल्माया गया था। फिल्म के लिये सब से  पहला दृश्य स्विट्जरलैंड में काजोल और शाहरुख के साथ "हो गया है तुझको" गीत के लिए था। यूरोपीय यात्रा के दृश्य और गीत मुख्य रूप से सैनन, मोंटबोवोन और गस्ताद, स्विट्जरलैंड में फिल्माए गए थे। अन्य दृश्यों को इंग्लैंड में ट्राफलगर स्क्वायर, किंग्स क्रॉस रेलवे स्टेशन और एंजेल अंडरग्राउंड स्टेशन सहित स्थानों पर फिल्माया गया था। फिल्म के छायाकार मनमोहन सिंह, चोपड़ा के साथ एक नियमित सहयोगी, ने "तुझे देखा तो" गीत की शूटिंग की, जिसमें राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के बाहरी इलाके में गुड़गांव में सरसों के खेतों में शाहरुख और काजोल के साथ सरसों के खेतों के प्रतिष्ठित दृश्य शामिल हैं। अंतिम दृश्य को फिल्माते समय कलाकारों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, जिसमें सिमरन को उस ट्रेन को पकड़ने के लिए दौड़ते हुए दिखाया गया है जिस पर राज यात्रा कर रहा है। सुलगती गर्मी ने शूट करना मुश्किल बना दिया और हर बार रीटेक होने पर ट्रेन को लौटने में 20 मिनट लगे। लेकिन ये द्रश्य बोलीवुड मे इस तरह छा गया जैसे राजकपूर और नरगीस का द्र्श्य जिसे हमेशा के लिये आर.के. फिल्म्स के सिम्बोल मे युज कर लिया गया। आज भी डीडीएलजे का ट्रैन का वो द्रश्य कइ बार रीपीट किया जाता है और प्रेमीयो के लिये वो सिम्बोल स्टेटस के समान माना जाता है।

अधिकांश प्रोडक्शन के दौरान सरोज खान कोरियोग्राफर थीं, लेकिन उनके और आदित्य के बीच कई विवादों के बाद, शूटिंग के अंत में उनकी जगह फराह खान ने ले ली। फिल्म की अंतिम सफलता के बाद, सरोजखान से उन्हें कम आंकने के लिए आदित्य चोपरा ने माफी मांगी, लेकिन सरोज खान ने फिर कभी उनके साथ काम नहीं किया। 

फराह ने "रुक जा ओ दिल दीवाने" गीत को कोरियोग्राफ किया, जिसके दौरान आदित्य ने काजोल को यह नहीं बताया कि शाहरुख उन्हें छोड़ने जा रहे हैं, क्योंकि वह उनकी वास्तविक प्रतिक्रिया को पकड़ना चाहते हैं। इसिलिये इस गीत के अंत मे शाहरुख खान काजोल को फर्श पर पटक देते है वो द्र्श्य वास्तविक है और काजोल को बिना बताये शुट किया गया था। 

फिल्म का शीर्षक अभिनेत्री किरण खेर (अनुपम खेर की पत्नी) द्वारा सुझाया गया था; यह फिल्म चोर मचाए शोर (1974) के गीत "ले जाएंगे ले जाएंगे....दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे" से आया है। राज, चरित्र कहानी के दौरान इस गीत के कुछ हिस्सों को गाता है, और अंत में इसकी पुनरावृत्ति होती है। माना जाता है कि दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे "टाइटल द्वारा सुझाई गई" क्रेडिट वाली पहली बॉलीवुड फिल्म है। तब से फिल्म डीडीएलजे के संक्षिप्त नाम (डी.डी.एल.जे. जैसा पेट नेम) से सार्वभौमिक रूप से जानी जाने लगी।

मुख्य फोटोग्राफी के अंत में, शाहरुख को अपना समय इस फिल्म और त्रिमूर्ति (1995) के बीच बांटना पड़ा, प्रत्येक फिल्म पर अपना आधा दिन बिताया। अगस्त 1995 की शुरुआत में, जब दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे पर फिल्मांकन अभी समाप्त नहीं हुआ था, दिवाली त्योहार के समय अक्टूबर में रिलीज की तारीख तय की गई थी। संगीतकार जतिन और ललित पंडित को बैकग्राउंड स्कोर पूरा करने के लिए केवल 10 दिन का समय दिया गया था, और पहली प्रतियां 30 सितंबर को छपी थीं। फिल्मांकन पूरा होने के बाद, आदित्य ने फिल्म निर्माण प्रक्रिया की हॉलीवुड शैली की एक वृत्तचित्र बनाने का फैसला किया, जो भारत में पहले नहीं किया गया था। करण जौहर और उदय को प्रभारी बनाया गया था क्योंकि वे पहले से ही कुछ प्रक्रियाओं को रिकॉर्ड कर रहे थे। 18 अक्टूबर को, फिल्म की रिलीज से दो दिन पहले, 30 मिनट का विशेष दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे, द मेकिंग दूरदर्शन द्वारा टेलीविजन पर प्रसारित किया गया था।

ये दो पार्ट मे यु ट्युब पर उपलब्ध है... 
1. https://www.youtube.com/watch?v=R7pLRr2QROg
2. https://www.youtube.com/watch?v=BC4fJTi58WY

फिल्म की एडिटिंग के वक्त कुछ द्र्श्य काटे गये उस का भी विडियो यु ट्युब पर उपलब्ध है...जो डीलीटेड सींस के नाम से यु ट्युब पर मौजुद है....

  https://www.youtube.com/watch?v=9xDrReGMJWY

चलीये आज इतना ही....डीडीएलजे के अगले और अंतिम पार्ट मे फिल्म से जुडी और कहानीयो के बारे मे जानेंगे...लेकिन जुडे रहीयेगा...जाइयेगा नही.....क्युकी इस फिल्म से जुडी और भी दिलचश्प बाते अभी बाकी है......इसिलिये.....तब तक सब को फिर से दिवाली और नये साल की शुभकामनाओ के साथ....ब...बाय....। 

# नॉन स्टॉप राइटिंग चेलेन्ज 2022 भाग-29

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10 Comments

Mithi . S

09-Nov-2022 06:05 AM

👌👌👌

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PHOENIX

09-Nov-2022 11:56 AM

Thanks

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Gunjan Kamal

08-Nov-2022 04:05 PM

शानदार भाग

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PHOENIX

08-Nov-2022 05:20 PM

Thanks

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shweta soni

01-Nov-2022 10:14 AM

👌👌👌

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PHOENIX

01-Nov-2022 04:02 PM

Thanks

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